एक संगीतकार
एक संगीतकार का काम भी कुछ आसान नहीं होता! क्या लगता है की बस गिटार उठा कर दो चार लाईने गा कर हो गया काम! जब गाना ज़ुबान से निकल कर कानो तक पहुंचता है और कानो से सुनने वाले के दिल तक जाता है न दोस्तॊ तो वो गानॆ का उद्गम स्थल भी गायक का दिल ही होता है! वो शारिरीक तौर से गा रहा होता है अपने मुह से परंतु वो गाता है अपनी रूह से!
आसान होता है क्या वो चार लाईने गाना की “आज अगर भर आई है
बूंदे बरस जाएगी
कल क्या पता किनके लिएआँखें तरस जाएगी
ओ जाने कब गुम हुआ, कहाँ खोया
इक आंसू छुपा के रखा था
और आंसुओ को बस बहने से रोकना?
आसान है क्या गाने के ज़रिये किसी के रूह को छु लेना?
सब कहते है की तुम्हारी आवाज़ बहुत सुकून दे जाती है, गाते तो बहुत लोग है पर फ़ील, सुकून दर्द, तुम्हारी आवाज़ में है!
पर क्या उसके पिछॆ का दर्द कोई सम्झ पाता है?
आसान होता है क्या दिल में इतनी कहानिया लेकर घुमना?
आसान होता है क्या एक संगीतकार होना?